Pages

Friday, 19 February 2021

एहसास

 एहसास

इस सूनी सूनी जिंदगी में जो अंधेरे से भरी है।

खुदा तुम्हारे एहसास से मुझे रोशनी दिखती है।

और तुम्हारे साथ में, मैं अधूरी नहीं हूँ।

जब मैं दर्द में होती हूँ तब लगता है मुझे कोई नहीं समझेगा।

खुदा तुम्हारे एहसास से मुझे आशा की आवाज सुनाई देती है

और तुम्हारी आवाज़ से मुझे सुकून मिलता है।


कभी-कभी सब होते हुए भी लगता है कि जैसे मैं अकेली हूँ।

खुदा तुम्हारे एहसास से ही मैं जानी हूँ

कि एक पल भी मुझे तुमने अकेला नहीं छोड़ा।


जब जीवन का बोझ भारी लगता है जो मैं कभी उठा नहीं सकती।

खुदा तुम्हारे एहसास से मेरे मन में शांति आ जाती है क्योंकि मेरा बोझ तुम उठा लेते हो।


जो भी मुश्किल क्यों ना आयी हों।

जो भी खुशियां क्यों ना आयी हों।

जितने भी आंसू क्यों ना बहाए हों।

तुम साथ हमेशा मेरे हर वक़्त रहते हो।

बस तुम्हारे एहसास में जीने के लिए, तुम मुझे कुछ सिखाओ ना खुदा।

No comments:

Post a Comment